tag:blogger.com,1999:blog-2190346811176364040.post8715328249385218679..comments2023-10-18T16:07:47.488+05:30Comments on सचिन की दुनिया: पुत्र की महिमा और भारतीय समाज!Sachinhttp://www.blogger.com/profile/08443970469014547546noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2190346811176364040.post-54820653085267326872009-02-02T23:58:00.000+05:302009-02-02T23:58:00.000+05:30मध्यम परिवार में दो बेटे हो तो बेटी के लिए कोई पर...मध्यम परिवार में दो बेटे हो तो बेटी के लिए कोई परिवार नहीं बढाता.....पर दो बेटियां हो.....तो बेटे के लिए परिवार बढा लेते हैं.....निम्न परिवार में तो कई कई बेटियों के बाद भी इंतजार करते हैं लोग बेटों का।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2190346811176364040.post-51791140987914522812009-02-02T20:55:00.000+05:302009-02-02T20:55:00.000+05:30मेरी एक बेटी है और मुझे गर्व है . आजतक मुझे कोई पर...मेरी एक बेटी है और मुझे गर्व है . आजतक मुझे कोई परेशानी नही न मेरे परिवार को . हां कुछ ग्रामीण प्रष्टभूमि के रिश्तेदार कहते है लड़का होना चाहिए सम्पति का क्या होगा .dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.com