मित्रों, कुछ ही दिन पूर्व में सैलाना अभयारण्य गया था। वहाँ की ऊँची-नीची धरती पर चलते हुए कई विचार भी मन में आए। एक दुर्लभ पक्षी को हमें बचाना चाहिए। इस पर मैंने कुछ लिखा है..आशा है आपको पसंद आएगा। यहाँ आपके लिए यह लेख प्रस्तुत है। - सचिन
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