मित्रों, धरती के पर्यावरण को बचाने के लिए सिर्फ बैठकों से ही बात नहीं बनेगी। हमें खुद कुछ करना होगा। सबसे पहले पेड़ और जंगल बचाने होंगे जो हमारे बचे रहने के लिए निहायत ही जरूरी हैं और इसकी शुरुआत हमें अपने आस-पास से ही करनी होगी। कोपेनहेगन में सम्मेलन चल रहा है, इसी परिप्रेक्ष्य में मैंने भी कुछ लिख दिया है, आशा है आपको पसंद आएगा। -सचिन (लेख को पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें)
दोस्तों, विज्ञापन की दुनिया अथाह है, इसमें आजकल क्वालिटी और क्वांटिटि दोनों ही देखने को मिल रही हैं। भारत में विज्ञापनों के क्षेत्रों में बहुत प्रयोग हो रहे हैं। मैं यहाँ उन्हीं प्रयोगों की चर्चा कर रहा हूँ लेकिन यह चर्चा सिर्फ प्रिंट विज्ञापनों के लिए है, तो पढ़िए और बताइए कि यह आपको कैसा लगा..?? - सचिन (इस स्टोरी को पढ़ने के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें)
जो लोग प्रकृति, वन्यजीव, पक्षियों और पेड़-पौधों के शौकीन हैं उनका यहाँ स्वागत है। मैंने यहाँ विश्वप्रसिद्ध केवलादेव (घना) पक्षी अभयारण्य, भरतपुर में की गई सैर का विवरण किया है। मेरे साथ आप लोग भी घूमिए और बताइए कि आपको यह अनुभव कैसा लगा..। -सचिन (स्टोरी को पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें)
यह ब्लॉग आपके और हमारे लिए उपहार ही समझें जो सबको एक दूसरे से जुड़ने, रूबरू होने का मौका मुहैया करा रहा है। मैं इसे एक यात्रा की तरह लूंगा, एक लंबी यात्रा की तरह जिसमें आपको और हमको एक दूसरे से जुड़ने का और एक दूसरे को समझने का मौका मिलेगा। आशा करता हूं कि जिस तरह एक लंबे सफर के दौरान हमें कई तरह के लोगों से मिलने, जुलने और जुड़ने का मौका मिलता है, ठीक उसी प्रकार हमें यहां भी एक दूसरे को समझने और एक दूसरे से जुड़ने का मौका मिलेगा। यह लांग ड्राइव मेरे और आपके लिए यादगार रहे इसी आशा के साथ मैंने इस यात्रा को शुरू किया है। आपका ही सचिन....।
मैं पेशे से एक पत्रकार हूँ। मेरी उम्र 33 साल और पत्रकारिता में 11 साल का कैरियर है। पढ़ाई, विज्ञापन की भाषा में पीएचडी तथा हिंदी एवं अंग्रेजी साहित्य विषयों में एमए किया है। आईएमएस इंदौर से एमबीए भी किया है। इसके इतर कई शौक हैं जिन्हें कुछ शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। लेकिन थोड़े में पढ़ने और घूमने यानी यायावरी का जबरदस्त शौक है। वाइल्ड लाइफ और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी मेरे शौक हैं। दोस्त और दुश्मन बनाने में मुझे मेहनत नहीं करनी पड़ती, अपने आप बन जाते हैं। मेरे दोस्तों का सर्कल चार-पाँच शहरों में है। विराट सर्कल है। काफी अच्छे लोग जीवन में जुड़े हैं। इसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा करता हूँ। आशा है कि आप लोगों में से भी कुछ अच्छे दोस्त मिलेंगे और आशंका है कि शायद कुछ अनचाहे दुश्मन भी मिलें। तो फिर बाकी बातें होती रहेंगीं.......धन्यवाद।