खाद्यान्न, बॉयोफ्यूल और कागज बन रहे विनाश का कारण
मित्रों, धरती के पर्यावरण को बचाने के लिए सिर्फ बैठकों से ही बात नहीं बनेगी। हमें खुद कुछ करना होगा। सबसे पहले पेड़ और जंगल बचाने होंगे जो हमारे बचे रहने के लिए निहायत ही जरूरी हैं और इसकी शुरुआत हमें अपने आस-पास से ही करनी होगी। कोपेनहेगन में सम्मेलन चल रहा है, इसी परिप्रेक्ष्य में मैंने भी कुछ लिख दिया है, आशा है आपको पसंद आएगा। -सचिन
(लेख को पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
आपके विचारो से सहमत हूँ . परन्तु जबतक स्थानीय जन जागरुक नहीं होंगे....तब तक यह जटिल समस्या ही रहेगी.
महेन्द्र जी सही कह रहे हैं।
Post a Comment