दोस्तों, सीएफएल तो आप-हम सभी अपने घरों में इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आपको इनके लाभ के साथ-साथ हानि का भी पता है। अगर नहीं तो यहाँ पढ़िए, मैंने इस बिंदु पर कुछ लिखा है। -सचिन
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यह ब्लॉग आपके और हमारे लिए उपहार ही समझें जो सबको एक दूसरे से जुड़ने, रूबरू होने का मौका मुहैया करा रहा है। मैं इसे एक यात्रा की तरह लूंगा, एक लंबी यात्रा की तरह जिसमें आपको और हमको एक दूसरे से जुड़ने का और एक दूसरे को समझने का मौका मिलेगा। आशा करता हूं कि जिस तरह एक लंबे सफर के दौरान हमें कई तरह के लोगों से मिलने, जुलने और जुड़ने का मौका मिलता है, ठीक उसी प्रकार हमें यहां भी एक दूसरे को समझने और एक दूसरे से जुड़ने का मौका मिलेगा। यह लांग ड्राइव मेरे और आपके लिए यादगार रहे इसी आशा के साथ मैंने इस यात्रा को शुरू किया है। आपका ही सचिन....।
मैं पेशे से एक पत्रकार हूँ। मेरी उम्र 33 साल और पत्रकारिता में 11 साल का कैरियर है। पढ़ाई, विज्ञापन की भाषा में पीएचडी तथा हिंदी एवं अंग्रेजी साहित्य विषयों में एमए किया है। आईएमएस इंदौर से एमबीए भी किया है। इसके इतर कई शौक हैं जिन्हें कुछ शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। लेकिन थोड़े में पढ़ने और घूमने यानी यायावरी का जबरदस्त शौक है। वाइल्ड लाइफ और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी मेरे शौक हैं। दोस्त और दुश्मन बनाने में मुझे मेहनत नहीं करनी पड़ती, अपने आप बन जाते हैं। मेरे दोस्तों का सर्कल चार-पाँच शहरों में है। विराट सर्कल है। काफी अच्छे लोग जीवन में जुड़े हैं। इसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा करता हूँ। आशा है कि आप लोगों में से भी कुछ अच्छे दोस्त मिलेंगे और आशंका है कि शायद कुछ अनचाहे दुश्मन भी मिलें। तो फिर बाकी बातें होती रहेंगीं.......धन्यवाद।
1 comment:
अब जो नयी पर्यावरण मित्र सीएफएल आ रही हैं उनके बारे में भी बतायें कि उनमें कुछ सत्य है भी या यूं ही शगूफा मात्र है.
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