November 26, 2008

महाराष्ट्र एटीएस कितनी पाक-साफ..??



महाराष्ट्र पुलिस और वहाँ की एटीएस (एंटी टेरेरिज्म स्क्वाड) पूरे देश में तहलका मचा रही है। ये एटीएस हमें बता रही है कि मालेगाँव में हुए बम विस्फोटों में भारत के सभी साधु-संतों का हाथ था फिर भले ही वो महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश के हों या फिर उत्तरप्रदेश और जम्मू के। एटीएस कमाल का काम कर रही है। उसने राज ठाकरे के उत्तर भारतीयों वाले मामले को भी पीछे छोड़ दिया है। मतलब अब लोगों की जुबान से उस मामले का जिक्र ही नहीं हो रहा है। सिर्फ मालेगाँव का मामला सामने आ रहा है। महाराष्ट्र का मक्कार मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख (वही जिसका लड़का रितेश देखमुख फिल्मों में कूल्हे मटकाती हिरोइनों के इर्द-गिर्द चक्कर काटता रहता है) यह सब करवा रहा है। ये वही मुख्यमंत्री है जिसने सोनिया गाँधी से फिलहाल कांट्रेक्ट कर रखा है कि वो भारतीय जनता को ना सिर्फ उत्तर भारतीयों की पिटाई वाला मामला भुलवा देगा, बल्कि यह भी कि मुसलमान वर्तमान घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के पूरी तरह पक्ष में हो जाएँगे। महाराष्ट्र के मराठियों का भी मुंह कांग्रेस की ओर से नहीं मुड़ेगा और अगले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस फिर सत्तासीन होगी।

दोस्तों, भारत की राजनीति कितनी जहरीली है इसका अंदाजा तो मुझे उम्र बढ़ने के साथ ही हो पा रहा है। यहाँ कुछ भी हो सकता है। नेता देश तो दूर की बात है अपनी माँ-बहनों को भी सत्ता की खातिर बेच सकते हैं। महाराष्ट्र एटीएस की फुर्ती इस देश के लिए कितनी घातक सिद्ध होने वाली है ये उस विलासराव देशमुख को फिलहाल समझ नहीं आने वाला है। ये देशमुख वही है जो उस राज ठाकरे का उस समय भी कुछ नहीं बिगाड़ पाया जब वह पुलिस वालों के बीच बैठकर प्रेस कांफ्रेस में उत्तर भारतीयों को धमका रहा था। हाँ, देशमुख ने एक काम और किया, कि उसने उस दौरान टीवी चैनलों को दिए जा रहे इंटरव्यू में मराठी भाषा में अपने वर्जन देना शुरू कर दिए। उसने सोचा कि कहीं राज ठाकरे उससे भी अधिक बड़ा ना बन जाए, इस मराठी भाषा के चलते। देश को ताक पर रखकर बैठे इस मुख्यमंत्री का अगला कदम इतना घातक होगा ये किसी ने भी नहीं सोचा था। १९९३ में मुंबई बम विस्फोट मामले में आजतक किसी को सजा नहीं हुई। इस शहर में बम धमाके यूँ होते रहे जैसे पटाखे छूट रहे हों। सैंकड़ो लोग मर गए। किसी शासन-प्रशासन ने आज तक कुछ नहीं किया। भारत में तमाम मुल्ले-काजी आए-दिन आतंकवाद के समर्थन में बोलते रहे, उनके सिरफिरे अनुयायी भी उनकी हाँ में हाँ मिलाते रहे लेकिन तब हमारी हिजड़ा पुलिस और तमाम राज्यों की एटीएस अपना लंगोट पकड़े बैठी रही। किसी भी मुल्ला-मौलवी को कभी गिरफ्तार तक नहीं किया। लेकिन जैसे ही मालेगाँव की घटना ने आकार लेना शुरू किया वैसे ही इस एटीएस को जैसे पंख लग गए। उसने ऐसी धरपकड़ करनी शुरू की जैसे उसके पास सारे सुबूत जमा हों। ये एटीएस इस तरह से अध्यात्मिक गुरुओं को पकड़ रही है जैसे देश के सारे साधु-संतों ने ही माँलेगाँव बम धमाकों में प्रमुख भूमिका निभाई हो। वाह री देश की राजनीति....यहाँ कुछ भी हो सकता है।

मालेगांव मामले को लेकर महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार एक तीर से कई निशाने साधने में लगी हुई है। उसे अगला लोकसभा चुनाव दिख रहा है। लेकिन उसे ये नहीं दिख रहा कि उसने कितने लोगों को घायल किया है। अपने धर्म में बुराई देखने वालों की इस देश में और हिन्दू धर्म में कमी नहीं। जब मुस्लिम आतंकवादी पकड़े जा रहे थे तब किसी ने भी उसे धर्म से नहीं जोड़ा। कहा कि आतंकवाद का धर्म नहीं होता। और अब जब कुछ हिन्दुओं को आतंकवादी कहकर पकड़ लिया है तो कांग्रेस सरकार उसे हिन्दू आतंकवाद कह रही है। उसे मालेगांव धमाकों के सारे तार भाजपा शासित राज्यों गुजरात और मध्यप्रदेश में ही मिल रहे हैं। भ्रष्ट है ये सरकार। इसका मजा इसे लोकसभा चुनावों में ही चखने को मिलेगा। तब शायद इसे समझ आएगा कि राजनीति असल मुद्दों की करनी चाहिए.....नकली मुद्दों की नहीं। भगवान उस लंपट विलासराव देशमुख को सदबुद्धि दे।

आपका ही सचिन....।

5 comments:

Unknown said...

आमीन, यह इच्छा हजारों-लाखों लोगों की है, होनी चाहिये, होकर रहेगी… कांग्रेस एक कोयला है, ठंडा है तो हाथ काले होंगे, जलेगा तो चटके देगा, जलकर बुझेगा तो राख सिर पर पड़ेगी, इसे जमीन के 10 फ़ुट नीचे गाड़ना ही बेहतर है…

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

suresh ji se sahmat hoon, lekh me kaaphi dam hai.

'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: said...

जुगजुग जियो बच्चा

Arun Arora said...

सरकार सेना और संतो को आतंकवादी सिद्ध करने जैसे निहायत जरूरी काम मे अपनी सारी एजेंसियो के साथ सारी ताकत से जुटी थी ऐसे मे इस इस प्रकार के छोटे मोटे हादसे तो हो ही जाते है . बस गलती से किरेकिरे साहब वहा भी दो चार हिंदू आतंकवादी पकडने के जोश मे चले गये , और सच मे नरक गामी हो गये , सरकार को सबसे बडा धक्का तो यही है कि अब उनकी जगह कौन लेगा बाकी पकडे गये लोगो के जूस और खाने के प्रबंध को देखने सच्चर साहेब और बहुत सारे एन जी ओ पहुच जायेगी , उनको अदालती लडाई के लिये अर्जुन सिंह सहायता कर देगे लालू जी रामविलास जी अगर कोई मर गया ( आतंकवादी) तो सीबीआई जांच करालेगे पर जो निर्दोष नागरिक अपने परिवार को मझधार मे छोड कर विदा हो गया उसके लिये कौन खडा होगा ?

drdhabhai said...

सुरेश जी से असहमत....कम से कम हजार फिट नीचे तो दबाओ या जलाकर पानी मैं बहादो...