दोस्तों, जैसा की हर बार होता है, एक महत्वपूर्ण घटना यानी मुंबई में आतंकी हमले के बाद हमारे लोकतांत्रिक देश (?) में राजनीतिक नौटंकी शुरू हो गई है। इस कड़ी में सबसे पहले भारत के गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने इस्तीफा दिया, फिर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री आरआर पाटिल ने इस्तीफा दिया और अब शायद विलासराव देशमुख पर इस्तीफे के लिए दबाव बनेगा। कांग्रेस इन इस्तीफों को अपना बड़प्पन मान रही है और कह रही है कि भाजपा के कार्यकाल में देश की संसद पर हमला हुआ लेकिन तब किसी ने इस्तीफा नहीं दिया था लेकिन देखो उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया। यह कांग्रेसी प्रवक्ता अभिषेक मनु संघवी ने कहा और फिर दोपहर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने भी कहा। कांग्रेस ने इन गधे लोगों के इस्तीफे दिलवाकर हमपर बहुत एहसान किया है। हम उसके एहसान तले दब गए हैं। अब हम घोषणा करते हैं कि अगले ५० सालों के लिए हम फिर कांग्रेस को चुनकर इस देश की सत्ता की चाबी देंगे क्योंकि उन्होंने मुंबई आतंकी हमले के बाद आतंकी कार्रवाई पर लगाम लगाने के बजाए ये नपुंसक काम किया और सामूहिक इस्तीफे दिए....धिक्कार है इन कांग्रेसी नेताओं पर...।।
दोस्तों, आपमें से कईयों को लग सकता है कि मैं भाजपा का प्रशंसक हूँ और घनघोर कांग्रेस विरोधी, इसलिए हमेशा कांग्रेस को कोसता रहता हूँ। लेकिन दोस्तों ये गलत है। चूँकी कांग्रेस के कार्यकाल में ये सब हो रहा है इसलिए मेरे निशाने पर वो है। अगर भाजपा या एनडीए की सरकार के कार्यकाल में ये होगा तब मैं उसे कोसूँगा क्योंकि मेरा विश्वास भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था से उठता जा रहा है। और ये सिर्फ हमारे देश के नेताओं की वजह से है जो कमर के नीचे कमजोर हैं। खैर,मैं कुछ बिंदुवार अपनी बात कहना चाह रहा हूँ, आप लोगों से समर्थन की अपेक्षा है।
- मुंबई आतंकी हमलों में जिन आतंकियों ने बेकसूर लोगों की जानें लीं वो अत्यन्त आधुनिक हथियारों से लैस होकर आए थे। सीएसटी स्टेशन पर आतंकियों का शिकार हुए आरपीएफ के सीनियर इंस्पेक्टर शशांक शिंदे के पास सिर्फ पिस्टल थी जिससे एक मिनट में पाँच गोलियाँ दागी जा सकती थीं जबकि सामने खड़े आतंकी के पास एक मिनट में ४०० गोलियाँ दागने वाली एके-४७ राइफल थी। शशांक ज्यादा देर तक उनका सामना नहीं कर पाए और शहीद हो गए। - ये आतंकी छोटे आकार की एमपी-५ राइफल लेकर आए थे। ये मशीनगन ६०० मीटर तक की मार कर सकती है जबकि हमारी मुंबई पुलिस के पास १५ फुट तक मार करने वाली पिस्टलें थीं।
दोस्तों, इससे पता चलता है कि हमारी कितनी धाँसू तैयारी थी आतंकियों से मुकाबला करने की..और ये भी कि सरकार जो पुलिस और सेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने के दावे करती है वो कितने सही हैं। अब दूसरी बातें सुनिए नमक छिड़के जाने की....ये भी बिंदुवार प्रस्तुत हैं।देश में सिर्फ एक कांग्रेस ही भ्रष्ट पार्टी नहीं है, बस इसमें मक्कार कुछ ज्यादा हैं अन्यथा बदमाशों की फसल सारी पार्टियों में लहलहा रही है। बानगी देखिए नेताओं के बयानों के रूप में...- कांग्रेसी नेता शकील अहमद खान कह रहे हैं कि पूरे देश की जनता नेताओं को कोस रही है। अब कोई नेता तो समुद्र के किनारे सर्चलाइट लेकर खड़ा होगा नहीं, ये देखने के लिए कि कोई आतंकी शहर में तो नहीं आ रहा।- भाजपा नेता मुख्तार अब्बासस नकवी कह रहे हैं कि मुंबई की जनता कश्मीर के अलगाववादियों जैसा व्यवहार कर रही है। ये लिपिस्टिक पाउडर और सूट पहनकर किया जा रहा प्रदर्शन और दिखावा है।- केरल के मुख्यमंत्री और वामपंथी नेता वीएस अच्युतानंदन कह रहे हैं कि अगर वो एनएसजी के शहीद हुए मेजर संदीप उन्नीकृष्णन का घर नहीं होता तो उस घर में कोई कुत्ता भी नहीं झांकता। उल्लेखनीय है कि इस मुख्यमंत्री को मेजर संदीप के पिता ने अपने घर में नहीं घुसने दिया था क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके बेटे के नाम पर किसी भी प्रकार की कोई राजनीति हो।- इसी प्रकार मुंबई के पूर्व गृहमंत्री और राकांपा नेता आरआर पाटिल भी बहक गए। वे कह गए कि मुंबई जैसे बड़े शहर में छोटे-मोटे हादसे तो होते ही रहते हैं। इसे खुफिया तंत्र की असफलता नहीं कहा जा सकता। उनके इस बयान के बाद उन्हें देशभर से गालियाँ पड़ीं।- इसी प्रकार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी बेवकूफ और गधे निकले। वे ताज होटल की अपनी सरकारी यात्रा में अपने उस नचैए लड़के रितेश और फिल्म इंडस्ट्री के दूसरे गधे उस रामगोपाल वर्मा को लेकर पहुँच गए। सुना गया कि वर्मा इस आतंकी हमले पर फिल्म बनाएँगे जिसमें रितेश हीरो बनेगा। देशमुख को उनकी इस हरकत के कारण पूरे देशभर में गालियाँ पड़ी। लेकिन इस घटना का जिक्र करते हुए देशमुख संवाददाता सम्मेलन में ठहाके लगाते नजर आए। अब ये मुख्यमंत्री जल्दी ही रोता नजर आने वाला है। क्योंकि इसके कारण कांग्रेस महाराष्ट्र में अगले कई सालों के लिए निपट जाएगी और कांग्रेस हाईकमान इस मुख्यमंत्री से जल्दी ही इस्तीफा माँग लेगी।दोस्तों, इन सब उदाहरणों से समझा जा सकता है कि हमारे देश में राजनीतिक नौटंकी होती है और देश के नेता मोटी चमड़ी के तथा संवेदनहीन हो चुके हैं।तो दोस्तों, बातें कई और भी हैं, आपको बताने के लिए, तब तक के लिए विदा..।
आपका ही सचिन....।
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4 comments:
साँप जाने के बाद लाठी पीटने के कोई फायदा नही, आंतकवाद देश की समस्या है।
वोट की राजनीति, अब इस्तीफों की राजनीति. कांग्रेस इस देश पर एक अभिशाप है.
इधर भी गधे है
उधर भी गधे है
पर क्या करे ए दोस्त ?
ये हमने ही चुने है
कहते है ना एक ही उल्लू काफी है...
इस देश में तो हर शाख पे उल्लू बैठा है। अब अंजाम तो यह होना ही था।
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