दिग्विजय, लालू, मुलायम नहीं छोड़ पा रहे मुस्लिम राजनीति
केन्द्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एआर अंतुले ने जो कहा वो सिर्फ पूरे देश ने ही नहीं बल्कि पूरे विश्व ने सुना। हम जानते हैं कि हमने (भारत ने) अपने आस्तीन में कई साँप पाल रखे हैं लेकिन हम यह भी अपेक्षा करते हैं कि जिन साँपों को हम दूध पिला रहे हैं वो कम से कम ऐसे समय तो हमारे साथ रहें जब उनकी वाकई जरूरत है लेकिन क्या करें साँप तो साँप है, वो अपनी आदत से कहाँ बाज आने वाला है। सो उसने हमें इस बार भी डस लिया। जब साँप अपना काम कर रहा था तो उसके संगी साथी अन्य संपोले भी उसके साथ हो लिए....क्या करें, ये उनकी आदत है या कह सकते हैं मजबूरी....दोस्तों, मैं देश में मुस्लिमों के नाम पर होने वाली राजनीति की बात कर रहा हूँ. ये तब भी जारी है जब इस देश को वाकई एक रहने की जरूरत है। अंतुले का घटिया बयान और उनके साथियों की हाँ में हाँ मिलाना इस देश को बहुत भारी पड़ रहा है।
दोस्तों, अंतुले को लग रहा है कि महाराष्ट्र के एटीएस प्रमुख हेमन्त करकरे को आतंकियों ने नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी या आरएसएस ने मरवाया है। इन्हीं लोगों के किसी कारिन्दे ने करकरे को कामा अस्पताल जाने की सलाह दी और वो वहाँ शहीद हो गए। अंतुले चाहते हैं कि मामले की जाँच हो कि किस ने करकरे एंड पार्टी को कामा अस्पताल पहुंचने के लिए फोन किया था। उल्लेखनीय है कि करकरे मालेगाँव मामले की जाँच कर रहे थे और हिन्दू संगठनों के निशाने पर थे। अब अंतुले के इस बयान पर कांग्रेस के पूर्व भ्रष्ट मुख्यमंत्री और वर्तमान महासचिव दिग्विजय सिंह भी साथ आ गए हैं। बीच में सुधरे-सुधरे से लग रहे लालू और वो बेसिरपैर की बातें करने वाले अमरसिंह भी अंतुले के बाजू में आ गए हैं। इन सब लोगों का भी यही मानना है जो अंतुले का।
दोस्तों, इस मामले से मुझे समझ आता है कि चूँकी मोदी के निंदक जगत भर में मौजूद हैं (गुजरात को छोड़कर जहाँ वे लगातार तीसरी बार जोरदारी से मुख्यमंत्री बने) तो जो चाहे, जहाँ चाहे उनपर निशाना साध लेता है। मैंने तो किसी जगह पढ़ा कि मुंबई हमलों की योजना आरएसएस और नरेन्द्र मोदी ने ही मिलकर बनाई। इस योजना में रतन टाटा को भी शामिल किया गया क्योंकि रतन टाटा के मोदी से बहुत अच्छे संबंध हैं ( टाटा आखिर नैनो को गुजरात जो लेकर गए)। तो टाटा मान गए कि उनके शानदार होटल को तहस-नहस कर दिया जाए। तो आरएसएस के आतंकी पोरबंदर से नौकाओं पर सवार हुए और मुंबई समेत पूरे देश को हिला दिया।
वाह, बहुत खूब....। इस देश में सब लोग बहुत दूरदर्शी हैं लेकिन किसी को भी यह समझ नहीं आ रहा है कि मुस्लिम राजनीति करने वाले नेता इस देश का कितना नुकसान कर रहे हैं। अंतुले के बयान के साथ इस देश के ९० प्रतिशत मुस्लिम हैं ( एक सर्वे के अनुसार)। लेकिन किसी ने ये सोचा है कि अंतुले के इस बयान को पाकिस्तान खूब बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा है क्योंकि हम आतंकियों को पाकिस्तानी सिद्ध करने की कूटनीतिक कोशिश में लगे हुए हैं जबकि उक्त नेता आरएसएस और मोदी से जुड़ा हुआ बताने में लगे हैं। तो भारत का पक्ष दुनिया भर में इस ओछी राजनीति के चलते कमजोर पड़ रहा है। क्या हम कभी किसी मुद्दे पर एकजुट रह पाएँगे। अब तो शक होने लगा है.....!!!!!!
आपका सचिन....।
2 comments:
भेड़िये हैं जी ! जात तो दिखायेंगे ना |
दुख होता है सचिन देश की इस ओछी राजनीति पर... कोई आता है कुछ कह जाता है, कोई कुछ और। ये सोचे समझे बिना कि वे किस पद पर हैं और उनके बयान देश और उसकी जनता को किस स्तर तक प्रभावित कर सकते हैं। जिम्मेदारी के अपेक्षा रखने वाले इस महत्वपूर्ण समय पर लोकतंत्र के प्रतिनिधियों की यह लापरवाही, समझ नहीं आता कि चूक कहां होती है... मतदाताओं से या कहीं और..। खैर... रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था... अब इसकी जगह कहा जाएगा कि भारत जल रहा था और देश के नेता बयानों के सुर निकालने में लगे थे।
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