भारत में नहीं है कुछ भी पटरी पर, अराजकता का माहौल
दोस्तों, इस समय हमारा देश मंथन की स्थिति से गुजर रहा है। सोचा जा रहा है कि आतंकियों से निपटने के लिए क्या रणनीति बनाई जाए। शायद पहली बार इतनी गंभीरता से यह सोचा जा रहा है। इस बीच मुझे कुछ जानकारियाँ मिलीं, खबरों के रूप में और लेखों के रूप में भी। पढ़कर मन हमेशा की तरह खट्टा हो गया। लगा कि हम कौन सी महाशक्ति (तथाकथित) में रहते हैं जहाँ सब कुछ इतना अव्यवस्थित है कि हमारी सरकार को पता ही नहीं चल पा रहा है कि अब क्या करना है??
तो नई खबर ये है कि आंतकग्रस्त देशों की सूची में भारत छठवें स्थान पर पहुँच गया है। आतंकवाद पर बने अंतरराष्ट्रीय डाटाबेस में यह बात सामने आई है। इस डाटाबेस को अमेरिका के नेशनल कानसोर्टियम फॉर द स्टडी आफ टेरेरिज्म एंड रिस्पोंसेज टू टेरेरिज्म (स्टार्ट) के लिए बनाया गया है। इसके आँकड़ों के अनुसार भारत में विगत ३४ सालों में ४१०८ आतंकी घटनाएँ हुईं। इनमें १२ हजार ५३९ लोगों ने अपनी जान गंवाई। इन वजहों से हम एक अनचाही सूची में छठवें स्थान पर आ गए हैं। अब चूँकी भारत में आतंकवाद का इतिहास लंबा है तो हमें इसके लिए तैयारी भी लंबी ही करनी चाहिए थी। लेकिन असलियत देखिए आप...
अफसरों के दाँवपेंच और लाल फीताशाही ने ताज और ओबराय होटल में आतंकियों को खूनखराबे के लिए पूरा मौका दिया। इस भयानक और खौफनाक हालात से निपटने के लिए कई प्रकार से मदद माँगी जाती रही लेकिन सरकारी ढर्रा ऐसा निकला कि चुल्लू भर पानी में डूब मरने को जी चाह रहा है। सारी घटनाओं पर नजर डालकर पता चलेगा कि यह देश वाकई भगवान भरोसे ही चल रहा है जहाँ इतनी भयंकर लापरवाही और अराजकता है। मसलन..मुंबई में हमले की रात नौसेना की पश्चिमी कमान ने बिना लिखित आग्रह के कमांडो भेजने से इंकार कर दिया था। पुलिस कमिश्नर द्वारा भेजी गई चिट्ठी को यह कहकर खारिज कर दिया गया कि नौसेना को मुख्य सचिव की चिट्ठी लगेगी। इसके बाद मुख्य सचिव का लैटर फैक्स किया गया। वैसे आपातकाल में तो जिलाधीश यानी कलेक्टर भी सेना की मदद माँग सकता है लेकिन इस मामले में अनुशासित कही जाने वाली सेना ने भी बेहूदा उदाहरण पेश किया। जब मुख्य सचिव ने चिट्ठी भेजी और दिल्ली फोन किए तब जाकर कमांडो भेजने का फैसला हो पाया।
दूसरी ओर दिल्ली में अलग से अव्यवस्थाओं का दौर चल रहा था। वहाँ एनएसजी की कमांडो टीम घंटो एयरपोर्ट पर इंतजार करती रही। जरूरी रूसी आईएल-७६ विमान ना तो पालम एयरफोर्स स्टेशन पर था और ना ही हिंडन स्टेशन पर। तब उसे चंडीगढ़ से मँगवाया गया। एनएसजी के मुख्यालय हरियाणा स्थित मानेसर से भी खस्ताहाल बसों से कमांडो को रवाना किया गया। टीम देर रात दो बजे मुंबई पहुँची क्योंकि विमान सुस्त चाल था और उसे मुंबई पहुँचने में तीन घंटे लग गए। इस बारे में राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट सचिव एम चंद्रशेखर की अगुआई वाली आपदा प्रबंधन समिति की बैठक भी आधी रात के बाद ही हो सकी। इससे पहले ये लोग घरों में टीवी देख रहे थे।
दोस्तों, बात अभी खत्म नहीं हुई है। अगली बानगी देखिए........कि नौसेना के कमांडो को तमाम प्रयासों के बाद घटनास्थल पर बुलाया गया और वे आतंकी घटना शुरू होने के लगभग २ घंटे मौके पर पहुँचे। लेकिन, नौसेना कमांडो की टीम ने होटलों के अंदर जाने से यह कहकर मना कर दिया कि वे ऐसी कार्रवाईयों के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। वे बाहर से ही गोलियाँ चलाते रहे और अंदर आतंकी घूम-घूमकर हत्याएँ करते रहे।
दोस्तों, विदेशी सैलानी हों या देशी सैलानी, जब उन्हें ये मालूम हो जाएगा कि इस देश का तंत्र इतना रद्दी है तो वो क्यों आएगा आपके देश घूमने और क्यों रुकेगा किसी फाइव स्टार होटल में जहाँ की चाय ५०० रुपए से ज्यादा की है और कमरे (सुएट) एक लाख रुपए तक के हैं। जब हमारे देश की व्यावसायिक राजधानी के ये हाल हैं तो सुदूर प्रांतों में हो रही आतंकी घटनाओं का क्या...???? इसलिए हम उक्त अनचाही लिस्ट में छठवें स्थान पर आ गए हैं। और जब हमारे देश की सरकार को पता है कि हम आतंकवाद के हिसाब से सॉफ्ट टारगेट हैं तो वो क्यों नहीं चेत जाती........इस बार तो हमें इस बात की भी गवाही मिल गई है कि हमारे देश की सुव्यवस्थित और अनुशासित सेना को भी उसी सरकारी ढर्रे का रोग लग गया है जिससे ये देश आतंकवाद के साथ भ्रष्ट राष्ट्रों की सूची में भी अव्वल स्थान पर आने के लिए जोर लगा रहा है। अगर हमारे देश की सरकार ने हमारे भविष्य का ध्यान नहीं रखा और वोटों की राजनीति से निकलकर देश का भला करने की नहीं सोची तो वो दिन बहुत दूर नहीं जब हम संसार की अनचाही और घटियाँ सूचियों में अव्वल नंबर पर और अच्छी और व्यवस्थित सूचियों में सबसे निचले नंबर पर रहेंगे। हमें अपनी इस गहरी नींद से जल्दी जागना होगा।
आपका ही सचिन....।
1 comment:
सिस्टम बुरी तरह सड़ चुका है और इसके घावों में कीड़े बिलबिला रहे हैं, अब भी सर्जरी न की गई तो जल्द ही मौत निश्चित है.
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