December 04, 2008

इस बार नहीं चूकना, बस हमला करना है

ये सही समय है अपने को महाशक्ति साबित करने का

दोस्तों, आज आपको कुछ एंगल और तथ्य दे रहा हूँ ताकि मेरे साथ आपको भी लगने लगे कि पाकिस्तान के साथ इस समय हमें क्या करना चाहिए। लेकिन इससे पहले आप कुछ बातों पर हमेशा की तरह गौर करिए...।
2 दिसंबर, 2008 को लश्कर-ए-तोइबा (जिसे पाकिस्तान में जमात-उद-दावा के नाम से जाना जाता है) की वेबसाइट पर एक समाचार प्रकाशित किया गया है, जिसमें संगठन ने माँग की है कि भारत भी हिंदू आतंकवादियों को पाकिस्तान के हवाले करे। जमात-उद-दावा के प्रवक्ता मुहम्मद याह्या मुजाहिद ने भारत द्वारा पाकिस्तान को बीस आतंकवादियों की सूची सौंपने संबंधी प्रतिक्रिया में कहा है कि संगठन, जमात-उद-दावा के अमीर प्रोफेसर हाफिज मोहम्मद सईद एक धार्मिक नेता हैं जिन्होंने किसी भी समय पर आतंकवाद का समर्थन नहीं किया और न ही उन्होंने किसी प्रकार की छद्म गतिविधियों को चलाने का पक्ष लिया है। प्रवक्ता का कहना है कि भारत हिंदू आतंकवादी संगठनों के अपराधों को छिपाने के लिए प्रचार युद्ध में लगा हुआ है। (ये महाराष्ट्र एटीएस और सोनिया की दी गई टर्म है यानी हिन्दू आतंकवाद)
मंगलवार को लाहौर के पास मुरीदके में जारी एक बयान में प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को भी हजारों भारतीय मुस्लिमों के हत्यारों के प्रत्यर्पण की माँग करना चाहिए। साथ ही अन्य हिंदू आतंकवादियों जैसे कि लालकृष्ण आडवाणी, नरेन्द्र मोदी, बाल ठाकरे और भारतीय सेना से जुड़े अधिकारी कर्नल पुरोहित के भी प्रत्यर्पण ‍की माँग की जाए। बयान में प्रवक्ता ने कहा है कि हाफिज सईद को कभी किसी अपराध के लिए सजा नहीं दी गई है। न तो पाकिस्तान में और न दुनिया के अन्य किसी देश में, जबकि भारत के अतिवादी भारतीय संगठन के नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की हत्या की कोशिश करने के एक मामले में नामजद एफआईआर दर्ज है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार और पाकिस्तान के लोगों की इच्छाओं के अनुरूप एलके आडवाणी और अन्य हिंदू आतंकवादियों के प्रत्यर्पण की माँग करना गलत नहीं होगा। प्रवक्ता ने कहा कि उपमहाद्वीप के बँटवारे के समय दोनों देशों में समझौता हुआ था कि भारत में अल्पसंख्‍यकों (ईसाइयों, सिखों, दलितों और मुस्लिमों) की पूरी तरह से सुरक्षा की जाएगी, लेकिन ‍पाकिस्तान के उलट (इस बात पर गौर करिए क्योंकि दोगले पाकिस्तान में हिन्दूओं की क्या स्थिति है ये किसी से छुपा नहीं है) भारत में अल्पसंख्यकों की किसी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं है। याह्या मुजाहिद ने कहा कि बीस से अधिक लोगों को सौंपने की भारतीय माँग बहुत अधिक हास्यास्पद है और भारत को किसी सुपरपावर की तरह आचरण नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से सारी दुनिया में ‍उसका मजाक उड़ता है।
दोस्तों, ऊपर दी गई जानकारी खतरनाक है। इस बात से हमें पता चलता है कि आतंकी संगठन भारत को किस नजर से देख रहे हैं। हमारी बात उन्हें चेतावनी लगती ही नहीं। ऐसा ही एक दूसरा समाचार भी है। गौर करिए...।
पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत में जमे हुए तालिबान लड़ाके कह रहे हैं कि अगर भारत, पाकिस्तान या पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर हमला करता है तो वे पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर लड़ेंगे। (ठीक १९४७ की तरह जब कबाईलियों ने पाक सेना के साथ भारत के खिलाफ युद्ध लड़ा था) तालिबान कमांडरों ने भारत के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें भारत ने पीओके स्थित लश्कर के ठिकानों पर हमला करने की चेतावनी दी है। कमांडरों का कहना है कि हम पाकिस्तानी सेना के साथ भारत के खिलाफ ये युद्ध लड़ना चाहते हैं। ये आतंकी फिलहाल पाक सेना के साथ लड़ रहे हैं जो अमेरिका के दबाव में इनपर कार्रवाई कर रही है। इस बारे में बाजौर कबीलाई इलाके में पाक सेना से लड़ रहे तालिबान के डिप्टी कमांडर मौलाना फकीर मुहम्मद ने कहा है कि भारत मुंबई हमले का बहाना बनाकर पाकिस्तान और मुजाहिदीनों के खिलाफ षडयंत्र रच रहा है। भारत का मुसलमानों के साथ इस तरह का व्यवहार ही दोनों देशों के बीच तनाव का कारण है। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए दक्षिण वजीरिस्तान का तहरीक-ए-तालिबान के कमांडर कैरी हुसैन के अनुसार हम पाकिस्तान की सेना के खिलाफ इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि उसने हमारे कबीलाई इलाके में आक्रमण किया हुआ है। परंतु हम भारत को अपने देश (?) पर हमला नहीं करने देंगे।
दोस्तों, ये साले पिद्दी पाकिस्तानी और वहाँ के आतंकी नहीं मानने वाले। देखा आपने कितने खतरनाक विचार हैं इनके। ये कहते हैं कि भारत में मुसलमानों के साथ खराब व्यवहार हो रहा है। अच्छा (????).... देश में २० करोड़ मुसलमान हैं। इस संख्या से ज्यादा इस देश में बच्चे भूखे सोते हैं। और इस संख्या से ज्यादा यानी २६ करोड़ लोग भारत में गरीबी की रेखा के नीचे रह रहे हैं। तो हम उनके लिए क्या अच्छा कर पा रहे हैं, लेकिन अच्छा करने की कोशिश सबके लिए की जा रही है। अमेरिका ने भी यही सब किया, और वहाँ निजी विमानों को उड़ाने का प्रशिक्षण लेने चार लड़कों ने वहीं से विमान हाईजैक कर उसकी दो इमारतों में घुसा दिए और ३००० लोग मार दिए। तो क्या सिला मिला अच्छे व्यवहार का। जिस पाकिस्तान के कलाकारों को हम अपने टीवी चैनलों पर देख रहे हैं, वो यहाँ से खूब कमाई कूटकर ले जा रहे हैं, ऐसा उदाहरण पाकिस्तान के पास है क्या?? हमारी फिल्म इंडस्ट्री में ज्यादातर बड़े स्टार मुसलमान हैं और उनकी बीवीयाँ हिन्दू। क्या पाकिस्तान में ऐसा हो सकता है कि वहाँ के टॉप स्टार्स हिन्दू हों और उनकी बीवीयाँ मुसलमान। हमारी सौहदार्यता का गलत फायदा उठाया जाता है दुनिया में। आज ये भ्रष्ट और हरामी तालिबानी हमारी हँसी उड़ा रहे हैं तो उसके पीछे जिम्मेदार भी हम हैं क्योंकि समय रहते हमने आजतक आतंकवाद के खिलाफ करारा जवाब नहीं दिया, नहीं तो ये मुर्गे इतनी ऊँची बाँग नहीं मारते। ये तालिबानी हिन्दू आतंकवाद की बात कर रहे हैं लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवादी कौन है। भारत को इससे अच्छा मौका फिर कभी नहीं मिलने वाला। अमेरिका हमारे पक्ष में खड़ा है और कह रहा है कि हमें पूरा हक है आतंकी शिविरों को नष्ट करने का। इससे पहले उसने कभी भी ऐसा नहीं कहा। अमेरिका की विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन बनी हैं जो भारत और भारतीयों के बहुत नजदीक हैं। १९७१ में बनाए गए इतिहास (पाकिस्तान के साथ युद्ध) की सुनहरी यादें हमारे साथ हैं। भारत को इस बार इन दो कौड़ी के टुच्चे आतंकियों को नहीं छोड़ना चाहिए। १९७१ के युद्ध को जीतने में हमें १८ दिन लगे थे। जब मुंबई हमले में हमने तीन दिन में ४००० करोड़ का व्यापार खोया तो अब इनपर बम गिराने में कितना खर्चा आएगा...सब सह लेंगे हम..।
हर साल एक लाख करोड़ के बजट वाली ११ लाख सैनिकों की हमारी फौज जो इंटरकॉन्टिनेंटल बैलियास्टिक मिसाइल अग्नि १-५, परमाणु बम और हाइड्रोजन बम से सुसज्जित हो...उसे इन छोटे कुत्तों से डरने की जरूरत नहीं है जो भौंकने के सिवाए और कुछ नहीं जानते। इन्हें भी पता चल जाएगा कि कौन महाशक्ति है। यही मौका है इंडिया.......अमेरिका भी हमारे साथ खड़ा होगा....उसकी मजबूरी है.......क्योंकि कल ही वहाँ के एंटी टेररिस्ट पैनल की रिपोर्ट आई है कि २०१३ तक अमेरिका पर परमाणु हमला हो सकता है और अगर हुआ तो वो पाकिस्तान से होगा.........!!!!!!
आपका ही सचिन...।

3 comments:

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

ठीक है, पर क्या आप के पास मोशे दायान है?

Sachin said...

मोशे दायान..?? मैं समझा नहीं.....!!!

Arvind Mishra said...

अच्छा विश्लेषण -आपकी बात से बिल्कुल सहमत -पूरे मनोबल ,वेग और शक्ति के साथ भारत को आक्रमण कर देना चहिये और आतंकी ठिकानों को मटियामेट कर के ही मुहिम पूरी करनी चाहिए !