ये पजामा बिना शर्म हर वक्त सरकता रहता है, लेकिन हमें तो शर्म आनी चाहिए
दोस्तों, आज आप लोगों को कुछ पैराग्राफ पढ़ाउँगा...उसके बाद चाहूँगा कि आप लोग बोलें-लिखें और मैं पढ़ूँ...देखते हैं कि आप लोगों का कितना समर्थन मिल पाता है मुझे इस बार...ये सभी खबरें आज ही की हैं और जान जलाने वाली हैं...आप पढ़िए..
पाक ने खारिज किए सबूत
नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले के संबंध में अमेरिका व ब्रिटेन द्वारा दिए गए सबूतों को पाकिस्तान ने सबूत मानने से इंकार कर दिया है। भारत के द्वारा दिए गए सबूतों को वह पहले ही खारिज कर चुका है। इस पर भारत के नेता सिर्फ चिल्लाते रहे लेकिन पाकिस्तान ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी जाँच एजेंसी एफबीआई ने जीवित पकड़े गए आतंकवादी कसाब के साथ ९ घंटे तक पूछताछ व अन्य जाँच के आधार पर सबूत जमा किए थे। इसी तरह ब्रिटेन ने भी अपने स्त्रोत व भारत सरकार के माध्यम से जुटाई गई जानकारियाँ पाकिस्तान को उपलब्ध कराई थीं जिन्हें खारिज कर दिया गया।
नहीं दिया कोई अल्टीमेटमः मुखर्जी
कोडरमा (झारखंड)। भारत ने पाकिस्तान को उसके वादों की याद दिलाते हुए फिर कहा है कि वह अपनी जमीन पर चल रहे आतंकी शिविरों को नष्ट करे। लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि इसके लिए भारत ने पाक को कोई अल्टीमेटम नहीं दिया है। पहले मीडिया में इस काम के लिए एक महीने के अल्टीमेटम की खबर आ रही थी जो २६ दिसंबर को खत्म हो गया था। इस पर भारतीय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हमने कभी कोई अल्टीमेटम नहीं दिया। इसका तो कोई सवाल ही नहीं है। पाकिस्तान ने हमसे वादा किया है कि वो आतंकी शिविरों को अपनी धरती से नहीं चलने देगा।
पाक ने नहीं की कार्रवाई
इस बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने भी पाकिस्तान की आलोचना की है कि उसके द्वारा मुहैया कराए गए पुख्ता सबूतों को बावजूद उसने अपेक्षित कार्रवाई नहीं की है।
गाजा पर दूसरे दिन भी कहर
गाजा। इसराइल के रक्षामंत्री एहुद बराक ने कहा है कि शांति और लड़ाई का समय अलग-अलग होता है और अब लड़ाई का समय आ गया है। इसराइल पर हमास लड़ाकों के लगातार बढ़ रहे रॉकेट हमलों ने हमें इन हमलों के लिए उकसाया है। ये हमले जारी रहेंगे। दूसरी ओर गाजा में इसराइली हमलों में मरने वालों की संख्या ३५० से ज्यादा हो गई है। १००० से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसराइल का कहना है कि वो गाजा से हमास द्वारा किए जा रहे रोज-रोज के हमलों से परेशान था और कोई ठोस कार्रवाई करना चाहता था। उल्लेखनीय है कि १९६७ के बाद से ये इसराइल का सबसे बड़ा सैन्य अभियान माना जा रहा है।
दोस्तों, मेरी बात समाप्त हुई...आप लोगों से बस इतना ही कहना चाह रहा हूँ कि आप समझ गए होंगे कि विश्व में हमारी यानी भारत की हैसियत क्यों एक लूले-लंगड़े वाले की सी है। हम सिर्फ धोती पहने नेताओं की छत्र-छाया में हैं जिनमें वाकई दम नहीं है। मेरे पास शब्द (या कहें अपशब्द) नहीं हैं इन्हें कोसने के लिए.... बस मैं इतना जरूर समझ गया हूँ कि इंदौर से दोगुणी आबादी वाले देश इसराइल (जनसंख्या ७२ लाख) की हैसियत और औकात हम ११० करोड़ आबादी वाले देश से क्यों पूरी दुनिया में ज्यादा है। हम कैसे बचा पाएँगे अपना अस्तित्व....शांतिकाल में रहकर.....?????
बाकी अब आप लोग बोलिए...???
आपका ही सचिन...।
3 comments:
क्या खूब लिखा है.............
पहली बात तो यह कि अमेरिका, इंटरपोल भारत को बेवकुफ बना रहे है.
दुसरी बात इजराइल को अपने उपर परमाणु हमले का खतरा नहीं है.
तिसरी बात भारते के अक्रमण से तालिबान, पाक फौज, आइ एस आइ व पाक सरकार एक हो जाते, भारत के लिए उन्हे अलग रखना सही है.
चौथा युद्ध करने की इच्छा व रणनीति हमने खो दी है.
सच कहूं तो पूरी दुनिया में आतंकवादियों को इससे सुरक्षित ज़मीन कहां मिलेगी। सच मानिए, ये आंतकवादी हमले अभी बंद नहीं होंगे और कभी बंद नहीं होंगे।
कयूं कि यहां आतंकवाद से निपटने की रणनीति भी अपने चुनावी समीकरण के हिसाब से तय की जाती है।
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